अमृत स्वर्ण सूर्यवर्ती रस
अमृत स्वर्ण सूर्यवर्ती रस
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सामग्री :
स्वर्ण भस्म (सोने का कैलक्स), शुद्ध टंकण (शुद्ध बोरेक्स), नागकेसर, लवंगा, इला, शुंथि, करपासा बीज, गुडुची, शुद्ध हिंगुला, लवंगा और अदरक।
के बारे में :
शुद्ध सोने की अच्छाई से भरपूर, अमृत स्वर्ण सूर्यवती रस (संदर्भ: आंध्र औषध रत्नाकर) एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग गैस्ट्राइटिस, उल्टी और मतली के उपचार के लिए किया जाता है। "सूर्यवर्ती" नाम माइग्रेन (सूर्यवर्त) को चीरने में औषधि की उत्कृष्टता से लिया गया है।
फ़ायदे :
a) संतुलित आहार के साथ लेने पर सूर्यवर्त (माइग्रेन) और पाचन विकारों का इलाज करता है
ख) पुरानी मतली का इलाज करने, उल्टी, गैस्ट्राइटिस और अन्य अपच समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।
ग) पेट की परत में सूजन को कम करता है और छाती में दर्द और जलन से राहत देता है।
d) पित्त के स्वस्थ स्राव को बढ़ावा देता है और प्लीहा विकारों में लाभकारी प्रभाव प्रदान करता है
उपयोग/खुराक कैसे करें:
1 गोली दिन में दो बार भोजन से पहले पानी/अदरक के रस/आंवले के रस के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार
सावधानियां :
क) उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
ख) ठंडी और सूखी जगह पर रखें, सूरज की रोशनी से दूर रखें
ग) बच्चों की पहुंच से दूर रखें
d) अनुशंसित खुराक से अधिक न लें
ई) गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों को उपयोग से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना चाहिए
