अमृता वैश्वानर चूर्ण
अमृता वैश्वानर चूर्ण
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सामग्री :
सैंधव लवण (सेंधा नमक), जीरका, अजमोड़ा, पिप्पली, शुंथि और हरीतकी
के बारे में :
अमृता वैश्वानर चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो चूर्ण के रूप में उपलब्ध है और इसका उपयोग रूमेटाइड अर्थराइटिस, कब्ज और अन्य पाचन विकारों के उपचार के लिए किया जाता है। यह शरीर में वात और पित्त दोष संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
संस्कृत में वैष्णवर का अर्थ अग्नि होता है, अतः यह दर्शाता है कि यह उत्पाद शरीर में पाचन अग्नि को ठीक करने के लिए है।
फ़ायदे :
A)मुख्य रूप से रुमेटी गठिया के इलाज में उपयोग किया जाता है
b) यह पाचन में सुधार करता है और पेट दर्द से छुटकारा दिलाता है
ग) यह एक मजबूत रेचक है जो मल त्याग को बेहतर बनाने और कब्ज का इलाज करने में मदद करता है
d) यह ताकत और प्रतिरक्षा में सुधार करता है
ई) उदर शूल, सूजन और उदर ट्यूमर (गुल्मा) में उपयोगी
उपयोग/खुराक कैसे करें:
5-10 ग्राम प्रतिदिन दो बार गर्म पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें
सावधानियां :
क) उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
ख) ठंडी और सूखी जगह पर रखें, सूरज की रोशनी से दूर रखें
ग) बच्चों की पहुंच से दूर रखें
d) अनुशंसित खुराक से अधिक न लें
ई) गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों को उपयोग से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना चाहिए
