सद्भाव और समग्रता के माध्यम से होम्योपैथी - खंड 2
सद्भाव और समग्रता के माध्यम से होम्योपैथी - खंड 2
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अनुभवी और क्लासिकल होम्योपैथ डॉ. अजीत कुलकर्णी द्वारा लिखित यह चिंतनशील लेख होम्योपैथी के गहन क्षेत्र में गहराई से उतरता है, जिसमें इसके दर्शन और व्यावहारिक अनुप्रयोग दोनों शामिल हैं। इस पुस्तक का प्रत्येक अध्याय एक उत्कृष्ट कृति है, जिसमें कई अमूल्य व्यावहारिक सुझाव और कई व्यावहारिक मॉड्यूल दिए गए हैं। नैदानिक अभ्यास के प्रत्येक चरण में चिंतनशील, व्यावहारिक और सहायक, यह पुस्तक मोटे तौर पर दो भागों में निर्मित है। प्रमुख विशेषताएं: विभिन्न स्थितियों में किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रिस्क्राइबिंग का विस्तृत विवरण। यह पाठकों को होम्योपैथ की सामान्य असफलताओं के माध्यम से एक यात्रा पर ले जाता है, साथ ही उन असफलताओं के कारण और उनके समाधान भी बताता है। उपचारों की संरचना, विरासत और रिश्तेदारी पर एक विस्तृत नोट। यह पाठक को रोगी की शारीरिक भाषा को पढ़ने का सही तरीका सिखाता है, ताकि वह समझ सके कि रोगी क्या नहीं कहता है - कुशल केस लेने का एक महत्वपूर्ण पहलू। यह सबसे आम के सभी पहलुओं में एक गहरी अंतर्दृष्टि देता है और एक अलग अध्याय में असामान्य उपचारों पर संक्षेप में चर्चा करता है। मटेरिया मेडिका के समूह अध्ययन पर एक अनुभाग ने पुस्तक को और समृद्ध किया है, जिसमें पाठकों को विभिन्न समूहों जैसे अम्लीय एसिड, मकड़ियों, दूध, सारकोड, नोसोड्स और कई अन्य पर नोट्स दिए गए हैं।