होम्योपैथी में हमें क्या नहीं करना चाहिए
होम्योपैथी में हमें क्या नहीं करना चाहिए
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पुस्तक में बेतरतीब ढंग से लिखे गए नुस्खों की भ्रांतियों को खूबसूरती से दर्शाया गया है और रोग की घटना को समझने तथा सफल इलाज के लिए उपाय की क्रियाविधि पर दृढ़ता से जोर दिया गया है। सरल शब्दों में लिखी गई यह पुस्तक उपाय के चयन, खुराक, पुनरावृत्ति और औषधीय वृद्धि का पता लगाने के तरीके, प्रबंधन और अनुवर्ती कार्रवाई में निदान के महत्व जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर देती है। अंत में, दवा की क्रिया की अवधि दी गई है जो दूसरे नुस्खे में मदद करती है। यह पुस्तक किसी भी मानक होम्योपैथिक पुस्तकालय में आसानी से समा सकती है। यह पुस्तक Ce qu'il ne faut pas faire en pratiquant Homoeopathie लेख का अनुवाद है। फ्रांस के तीस डॉक्टरों ने इस जनमत संग्रह के उत्तर दिए और यह पुस्तक केवल डॉ. फोर्टियर बर्नोविले के उत्तर का अनुवाद प्रस्तुत करती है। पुस्तक का उद्देश्य भारत के होम्योपैथों को होम्योपैथी में कुछ नया देना है जिसका फ्रांस के होम्योपैथों द्वारा व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है। पुस्तक में शामिल विषय हैं - होम्योपैथिक अभ्यास में त्रुटियां - खुराक, खुराक की पुनरावृत्ति - औषधीय वृद्धि से कैसे बचें - रोगियों के संबंध में बचने के लिए त्रुटियां - होम्योपैथिक दवाओं में जल निकासी और नहरबंदी यह एक तथ्य है कि चिकित्सा में बहुत अधिक रूढ़िवादिता चिकित्सा के विकास के लिए एक बाधा है, जिसे डॉ। फोर्टियर बर्नोविले द्वारा इन लेखों में बहुत ही सटीक रूप से समझाया गया है।